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केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार को दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में निधन हो गया। हाल ही में, उन्होंने 74 साल की उम्र में दिल्ली के एक अस्पताल में दिल की सर्जरी कराई थी।
पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
Miss you Papa… pic.twitter.com/Qc9wF6Jl6Z— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 8, 2020
उन्हें गुर्दे और हृदय संबंधी समस्याएं थीं और उन्हें 24 अगस्त को भर्ती कराया गया था। उनकी 2017 में, हार्ट वाल्व की सर्जरी भी की गयी थी। रामविलास पासवान का पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में उपचार चल रहा था।
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने गुरुवार को अपने पिता की मृत्यु के बारे में ट्वीट किया “पापा, आप दुनिया में और नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है कि आप हमेशा मेरे साथ रहेंगे … मिस यू पापा,”, और एक बचपन का फोटो भी शेयर किया, जिसमे चिराग पासवान को, राम विलास पासवान ने अपने हाथों में ऊपर उठायें हुए है.
रामविलास पासवान, जो पांच दशकों से राजनीति में जमे रहें वे, दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित दलित नेताओं में से एक हैं।
उनका जन्म 5 जुलाई 1946 को पूर्वी बिहार के खगड़िया के शहरबन्नी गाँव में हुआ था। उन्होंने मास्टर और लॉ की डिग्री प्राप्त की, बिहार सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण की, और उन्हें पुलिस उपाधीक्षक नियुक्त किया गया।
1969 मे मेरा DSP मे और MLA दोनो मे एक साथ चयन हुआ।तब मेरे एक मित्र नेपूछा कि बताओ Govt बनना है या Servant ?बस तभी मैंने राजनीति ज्वाइन कर ली
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) March 26, 2016
लेकिन उन्होंने रोजगार को स्वीकार नहीं किया । इसके बजाय, उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। 1969 में संयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी की ओर से बिहार विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद बिहार के खगड़िया जिले का दलित लड़का, 23 वर्ष की छोटी उम्र में ही स्थानीय राजनीति में सक्रीय हो गया।