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कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 6 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। आज प्रदर्शन का सातवां दिन होने वाला है, मगर मंगलवार को किसान यूनियनों और सरकार के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही। जैसे-जैसे दिन गुजरते जा रहे हैं, किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर के बाद अब नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर भी किसान डट गए हैं। चिल्ला बॉर्डर पर हजारों की संख्या में डटे किसानों ने प्रदर्शन किया और मंगलवार शाम से ही लोगों को जाम की परेशानी से जूझना पड़ा।

अब चिल्ला बॉर्डर भी बंद

चिल्ला बॉर्डर पर किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-नोएडा मार्ग पर आने-जाने के रास्ते को बाधित कर दिया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक अलर्ट जारी कर कहा है कि अक्षरधाम मंदिर से चिल्ला बॉर्डर रोड किसान आंदोलन की वजह से बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को इस रास्ते न जाने की अपील की है। दरअसल, पंजाब और हरियाणा से आए हजारों किसान अभी दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं और वह दिल्ली में एंट्री चाहते हैं और जंतर-मंतर पर धरना देना चाहते हैं।

चिल्ला बॉर्डर बंद होने की वजह से आज यानी बुधवार को नोएडा से दिल्ली और दिल्ली से नोएडा आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप इस रास्ते से निकलने की सोच रहे हैं तो आपको किसी और रास्ते की तलाश करनी होगी। चिल्ला बॉर्डर को ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को नोएडा-दिल्ली लिंक रोड से बचने और एनएच-24 और डीएनडी लेने की सलाह दी है। दिल्ली से नोएडा जाने वाले को भी अल्टरनेट रूट लेने की सलाह दी गई है।

सिंघु बॉर्डर आज भी बंद

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर अब भी दोनों ओर से बंद है। इसके अलावा, लामपुर, औचंडी और अन्य छोटे बॉर्डर भी बंद हैं। ट्रैफिक को मुकरबा और जीटीके रोड से डायवर्ट किया गया है। यात्रियों को वैकल्पिक रास्ते लेने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, यात्रियों को सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी आने और जाने के लिए रिंग रोड से बचने की सलाह दी गई है।

सिंघु बॉर्डर के अलावा, टिकरी बॉर्डर भी बंद है। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए टिकरी बॉर्डर, झरोदा बॉर्डर, झटिकरा बॉर्डर बंद है। हालांकि, बादुसराय बॉर्डर दो पहिया वाहनों के लिए खुले हुए हैं। इसके अलावा, हरियाणा जाने के लिए जो-जो बॉर्डर खुले हैं, वे हैं धनसा, दौराला, कपासेरा, राजोखरी एनएच 8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर।

सरकार से बातचीत विफल

तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली सीमाओं पर विरोध कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच मंगलवार को साढ़े तीन घंटे से अधिक देर तक चली बैठक बेनतीजा रही। सरकार ने कृ़षि कानूनों पर चर्चा के लिए किसान समिति के गठन का प्रस्ताव दिया, जिसे किसान संगठन प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया। हालांकि, गतिरोध समाप्त करने को लेकर अगली बैठक गुरुवार को बुलाई जाने पर सरकार व किसान संगठनों में सहमति बन गई है। अगली बैठक में आंदोलन में शामिल सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सरकार इस पर राजी है।

विज्ञान भवन में बैठक समाप्त होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों को बताया कि बैठक में 30 से अधिक किसान संगठनों के 35 प्रतिनिधियों ने शिरकत की। बातचीत सकारात्मक रही। सरकार ने किसान संगठन के प्रतिनिधियों के सामने मुद्दे पर बातचीत के लिए एक किसान समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा। इसमें चार से पांच किसान संगठन के प्रतिनिधि, कृषि विशेषज्ञ व कृषि मंत्रालय के अधिकारी रहेंगे, जिससे तीनों कृषि कानून के बारे में चर्चा की जा सके, लेकिन किसान संगठन के प्रतिनिधि इसके लिए तैयार नहीं हुए। संगठन के प्रतिनिधियों का कहना था कि आंदोलन में शामिल सभी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा होनी चाहिए।