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मुंबई पुलिस ने बुधवार को अर्नब गोस्वामी के निवास स्थान पर उनपर जाकर शारीरिक हमला किया और इसके बाद वो उन्हें अपने साथ पुलिस वैन में ले गई। गौर करने वाली बात है कि इस दौरान पुलिस पर किसी भी तरह का सम्मन, दस्तावेज या अदालत के कागजात नहीं थे। मुंबई पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ अब देश के साथ राजनीतिक पार्टियां लामबंद हो गई हैं।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद मिनाक्षी लेखी ने उद्धव सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि फासीवाद के संकेत. एक दुश्मन की पहचान (अर्नब गोस्वामी) एकीकरण का कारण है. इसका मतलब अभिव्यक्ति की आजादी मीडिया के दमन का कारण बन सकती है. लेकिन मानवाधिकारों के चैंपियन अब क्यों चुप हैं. हर किसी के मानवाधिकार मायने रखते हैं. भले ही आप सहमत न हों!

प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया

बता दें, मुंबई पुलिस के एक दर्जन से अधिक अधिकारी सुबह 6:30 बजे मुंबई के परेल में अर्नब के आवास पर पहुंचे और सभी प्रवेश और निकास मार्गों को ब्लॉक कर दिया। पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के संपादकों निरंजन नारायणस्वामी और संजय पाठक को भी अर्नब के निवास में प्रवेश करने से रोक दिया।

मुंबई पुलिस के एनकाउंटर-विशेषज्ञ एपीआई सचान वेज़ ने रिपब्लिक को पुष्टि की कि अर्नब गोस्वामी को एक ऐसे मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसका टीआरपी मामले से कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें रिपब्लिक को फंसाने की कोशिश की गई है। मिली जानकारी के अनुसार अब उन्हें रायगढ़ पुलिस स्टेशन ले जाया गया।