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पूरी दुनिया को कोरोना जैसी महामारी का कलंक देने वाले और भारत के सबसे बड़े विरोधी चीन से आजकल ऐसी खबरें आ रहीं हैं कि चीन की सेना का एक बहुत बड़ा ग्रुप चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से बहुत अधिक नाराज चल रहा है।

जब इस तरह की खबरें जिनपिंग तक पहुंची तो जिनपिंग को सत्ता पलटने का डर सताने लगा और जिनपिंग ने आनन फानन अपने दो जनरलों को उनकी पोस्ट से हटा कर उनकी कमान अन्य दो जनरलों के हाथ में सौंप दी।

दरअसल बात ये थी कि चीन की सेना ने गलवान घाटी में हुई भारत-चीन की झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को मिले मान-सम्मान की Videos और Photos देखे तो उन्हें उस झड़प में चीन सरकार द्वारा अपने जवानों की शहादत को बिल्कुल नजरअंदाज किये जाने और कोई सम्मान न दिए जाने पर चीनी सेना में गहरा रोष उत्पन्न हुआ। यह रोष उस समय और बढ़ गया जब कंपकपाती सर्दी में घटिया गर्म कपड़ों के साथ चीनी सेना को लदाख में तैनात कर दिया गया। जान का ख़ौफ़, सर्दी की मार और मरने पर बेनाम मौत ने उन्हें चीनी राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ कर दिया।

अब सूत्रों के हवाले से जो खबर मिली है उसके अनुसार रूस ने अपने साथ लगने वाली चीनी सीमा पर अपने 1.5 लाख रूसी सैनिक, लाइट और हैवी इन्फैंट्री और तकरीबन 250 के आसपास रूसी लड़ाकू विमान भी तैनात कर दिए हैं।

ऐसे में रूस का यह कदम न तो चीन को ही कुछ समझ में आ रहा है और न ही भारत सहित अमेरिका को ये बात कुछ समझ में आ रही है कि रूस ने ऐसा क्यों किया और रूस के मन में इस तैनाती को लेकर असली मंशा क्या है। रक्षा विशेषज्ञ ऐसा अनुमान लगा रहे है कि यहां या तो रूस चीनी सेना से जिनपिंग के विरुद्ध अनुमानित विद्रोह को कुचलने की तैयारी कर रहा है या तो चीन के साथ अपना कोई पुराना हिसाब बराबर करना चाहता है।

बता दें कि जो चीन भारत को टू फ्रंट वार की धमकी देकर डराया करता था वो आज खुद ही चार फ्रंट वार में फंसता हुआ नजर आने लगा है। ऐसे में यदि चीनी सेना ने वास्तव में विद्रोह कर दिया तो चीन का खंडित होना पूरी तरह निश्चित है।