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नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में किसानों संगठन और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता समाप्त हो गयी है।किसानों और सरकार के बीच आज की बैठक भी बेनतीजा रहा।

आज की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए कहा कि किसान नेताओं के साथ बातचीत में आज कोई हल भी नहीं निकला।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने किसानों से विकल्प मांगा था. लेकिन, किसान नेता इसका कोई विकल्प नहीं दे पाये।

इससे पहले प्रदर्शनकारी किसानों ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैलियां निकाली और नये कानून को वापस लेने की मांग दुहराई।

हालांकि, केंद्र सरकार ने जोर दिया कि यह इन कानूनों को वापस लेने के अलावा प्रत्येक प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है। ऐसी टकराव की स्थिति में,हर किसी की नजर आज कि होने वाली बैठक पर जा टिकी थी।

शुक्रवार को विज्ञान भवन के बाहर मौजूद किसानों ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों में संशोधन की बात कर रही है, परंतु हम लोग कानून वापस लेने के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे, इस पर सरकार ने हमसे कहा कि कोर्ट में चलो, हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह नए कृषि क़ानून ग़ैर-क़ानूनी हैं बस हम लोग नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ है और हम चाहते कि सरकार ये नए कृषि क़ानून वापस ले हम लोग कोर्ट में नहीं जाएंगे बस अपना आंदोलन तेज करते रहेंगे ।

आठवें दौर की बातचीत से एक दिन पहले गुरुवार को सिखों के धार्मिक नेता बाबा लक्खा सिंह से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुलाक़ात की थी ।

जो प्रदर्शन वाली जगहों पर लंगरों का आयोजन प्रदर्शनकारी किसानों के लिए कर रहे हैं।

बताते चलें कि इससे पहले जो 4 जनवरी को वार्ता हुई थी वह भी बेनतीजा थी क्योंकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर ही टिके रहे ।

वही 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता कुछ हद तक ही सफल रही इसमें किसानों की 2 मांगों को मान लिया गया जिसमें पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर दिया गया और बिजली पर जो पुरानी सब्सिडी थी वह जारी रहेगी ।

आज की जो बैठक थी तो फिर से बेनतीजा रही क्योंकि किसान संगठन तीनों नए कृषि कानूनों को वापस कराना चाहते हैं केंद्र सरकार ने अगली वार्ता के लिए 15 जनवरी को बुलाया है ।

दोनों पक्ष फिलहाल इस बात पर सहमत हो गए हैं कि अगली मीटिंग 15 जनवरी को फिर से की जाएगी ।