सीरम इंस्टीट्यूट को झटका, सरकारी पैनल ने बच्चों पर 'कोवोवैक्स' के ट्रायल की इजाजत नहीं दी
सीरम इंस्टीट्यूट को झटका, सरकारी पैनल ने बच्चों पर 'कोवोवैक्स' के ट्रायल की इजाजत नहीं दी
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देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को एक सरकारी पैनल ने बड़ा झटका दिया है. जानकारी के मुताबिक, सरकारी पैनल ने 2-17 साल के बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन के दूसरे या तीसरे चरण क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति के खिलाफ सिफारिश की है ।

सूत्रों के मुताबिक, सरकारी पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोवोवैक्स COVID19 वैक्सीन का ट्रायल पहले वयस्कों पर पूरा करने को कहा है।

सीरम इंस्टीट्यूट ने सोमवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को आवेदन कर 10 स्थानों पर 920 बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन के परीक्षण के संबंध में अनुमति मांगी थी। एक सूत्र ने कहा, “सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल, जो आवेदन पर चर्चा कर रहा है।” संगठन की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति ने पाया कि किसी भी देश में इस टीके की अनुमति नहीं दी गई है।

“समिति ने यह भी सिफारिश की है कि कंपनी को वयस्कों पर इस टीके के क्लीनिकल ट्रायल के सुरक्षा एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े पेश करने चाहिए ताकि बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन के परीक्षण की अनुमति देने पर विचार किया जा सके,” उन्होंने कहा।

एक महीने में कोविशील्ड के लिए ईएमए की मंजूरी मिलने का भरोसा : पूनावाला

वहीं, वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा था कि कंपनी को एक महीने में अपनी कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के लिए यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) से मंजूरी मिलने का भरोसा है।

पूनावाला ने यह भी कहा था कि वैक्सीन पासपोर्ट का मुद्दा अंतर-देशीय आधार पर होना चाहिए।

पूनावाला ने इंडिया ग्लोबल फोरम 2021 में कहा, “ईएमए हमें आवेदन करने के लिए कहने के लिए बिल्कुल सही है, जो हमने एक महीने पहले अपने साथी एस्ट्राजेनेका के माध्यम से किया था और उस प्रक्रिया में अपना समय लगता है। यूके एमएचआरए, डब्ल्यूएचओ के साथ अनुमोदन प्रक्रिया में भी समय लगा और हमने ईएमए के लिए आवेदन किया है।

आपूर्ति बढ़ाने के लिए टीकों पर बौद्धिक संपदा अधिकारों की छूट के मुद्दे पर पूनावाला ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों की छूट शायद टीकों की तत्काल कमी को हल करने वाली नहीं है। हालांकि, भविष्य की महामारियों के लिए तैयार रहने के लिए लंबी अवधि में यह एक अच्छी रणनीति है, उन्होंने कहा।

सीरम इंस्टीट्यूट ने जून में कोविशील्ड वैक्सीन की 100 मिलियन से अधिक खुराक का उत्पादन किया

दूसरी ओर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपने वादे को पूरा करते हुए जून के दौरान अब तक कोविशील्ड वैक्सीन की 10 करोड़ से अधिक खुराक का उत्पादन किया है।