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वेब सीरीज Tandav का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब “तांडव” वेब सीरीज की टीम के खिलाफ यूपी के लखनऊ में FIR दर्ज हुआ है। ‘अमेज़न प्राइम वीडियो’ पर आई अली अब्बास जफ़र निर्देशित ‘तांडव’ में सैफ अली खान और मोहम्मद जीशान अयूब ने मुख्य किरदार निभाए हैं। इस वेब सीरीज में भगवान शिव का अपमान किए जाने और जातीय वैमनस्य को बढ़ावा देने के कारण अब उत्तर प्रदेश में केस दर्ज किया गया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि जन-भावनाओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने इस वेब सीरीज पर मनोरंजन की आड़ में नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी पूरी टीम के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर के जल्द गिरफ़्तारी की तैयारी की जा रही है। लखनऊ मध्य के हजरतगंज थाने में रविवार (जनवरी 17, 2021) को ये केस दर्ज किया गया। ‘इंडिया ओरिजिनल कंटेंट अमेज़न’ की हेड अपर्णा पुरोहित के अलावा निर्देशक अली अब्बास, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्ण मेहरा और लेखक गौरव सोलंकी सहित अन्य को इस मामले में आरोपित बनाया गया है।

FIR में इन सभी के खिलाफ IPC की धारा- 153A (उपद्रव पैदा करने वाले बयान देना या द्वेषभाव से निशाना बनाना), 295 (किसी धर्म के पवित्र स्थल का अपमान), 505(1)(b) (अशांति और अपराध को बढ़ावा देने वाला प्रसारण), 505(2) (विभिन्न वर्गों में शत्रुता/घृणा पैदा करने वाले कथन) और 469 (दस्तावेजी या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी का अपमान) के अलावा IT एक्ट की धारा- 66 (आपत्तिजनक कंटेंट्स), 66 F और 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

“उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उक्त वेब सीरीज को देखा गया तो पाया गया कि प्रथम एपिसोड के 17वें मिनट में हिन्दू देवी-देवताओं का विद्रूप ढंग से रूप धारण कर धर्म से जोड़ के अमर्यादित तरीके से उनका अपमान किया गया है और निम्न-स्तरीय भाषा का प्रयोग हुआ है। ये धार्मिक भावनाओं को आघात पहुँचाने वाला और लोगों को भड़काने वाला है। 22वें मिनट में जातिगत विद्वेष वाले डायलॉग हैं। सीरीज में ऐसे कई बयान हैं। भारत के पीएम के गरिमामयी पद का चित्रण अत्यंत अशोभनीय ढंग से किया गया है। जातियों को छोटा-बड़ा दिखाने और महिलाओं के अपमान के दृश्य हैं।”

यूपी पुलिस ने ये भी पाया कि इस वेब सीरीज में एक समुदाय को निशाना बना कर उनकी धार्मिक भावनाएँ भड़काने का काम किया गया है। इसे समाज के लिए हानिकारक भी बताया गया है, क्योंकि इसका इंटरनेट के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है। शासकीय व्यवस्था की क्षति और अश्लीलता फैलाने के भी आरोप लगे हैं। इस वेब सीरीज के निर्माण में सम्मिलित टीम के लोगों का आरोपित के रूप में नाम दर्ज किया गया है।

देश की पुलिस-फोर्स और सुरक्षाबलों की छवि को लेकर यूपी सरकार पहले से ही सख्त है। ऐसे में वेब सीरीज तांडव में फोर्स को शराब पीकर दंगा भड़काते हुए दिखाए जाने पर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई। और इसे अभिव्यक्ती की आजादी का जुमला दिया गया है।

इस वेब सीरीज के खिलाफ आमजन में बेहद आक्रोश व्याप्त है। लोगों कहना है कि क्या यही कलाकार कभी मोहम्मद पर वेबसीरीज बना कर लोगो को दिखाने का साहस करेंगे ? क्या अभिव्यक्ती की आजादी सिर्फ हिन्दू धर्म का अपमान करना होता है? तमाम हिन्दू संगठनों ने सरकार से अमेज़न को Ban करने और OTT प्लेटफार्म के लिए गाइडलाइंस जारी करने की वकालत की है।