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कोरोना संकट से भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार दिवाली से पहले एक और राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है। तीसरे राहत पैकेज से रोजगार बढ़ाने और काविड-19 के चलते सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों को राहत पहुंचाने की तैयारी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सूत्रों के अनुसार, सरकार इस पैकेज के तहत शहरी परियोजनाओं के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा दे सकती है। वहीं, उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम में और कई सेक्टर को शामिल करने की योजना है। मोबाइल मैन्यूफैक्चिरंग में पीएलआई स्कीम का बहुत ही बढ़िया रिस्पांस रहा है। कई विदेशी मोबाइल कंपनियों ने भारत में बड़े निवेश के लिए सरकार के साथ करार किया है। इससे आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होंगे। इसके अलावा आतिथ्य और पर्यटन इंडस्ट्री के लिए सीधे मदद दी जा सकती है। सरकार के इस राहत पैकेज के जरिये नौकरियों के अवसर बढ़ाने का पूरा प्लान है। तीसरे पैकेज में सरकार का जोर टीयर-1 से लेकर टीयर-4 (छोटे से बड़े शहर) तक की परियोजनाओं पर होगा। इन परियोजनाओं में निवेश बढ़ाकर रोजगार के नए मौके पैदा किए जा सकते हैं। सरकार ने इस बार प्रोत्‍साहन पैकेज के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन से 20-25 परियोजनाओं को चुना है। इनमें पूंजी का खर्च तेजी से बढ़ाया जा सकता है। नवी मुंबई और ग्रेटर नोएडा में बन रहा एयरपोर्ट भी इसमें शामिल है।

वित्त मंत्री ने दिए थे संकेत

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संकेत दिए थे कि तीसरे राहत पैकेज का विकल्प खुला है। उन्होंने कहा था कि सरकार कोरोना से भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। इसके बाद वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से ओर भी इस बात की पुष्टि की गई थी तीसरे राहत पैकेज पर काम चल रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि दिवाली से पहले राहत पैकेज देकर सरकार मांग बढ़ाने की पूरजोर कोशिश करेगी।

शहरी मनरेगा योजना को टाला जाएगा

हालांकि, सरकार ने अब शहरी रोजगार योजना के प्रस्ताव में निवेश को टाल दिया है। इस मामले में पॉलिसी मेकर्स का कहना था कि शहरी परियोजनाओं में जुड़ी केंद्र और राज्य सरकारों की कंपनियों में निवेश से भी रोजगार के मौके बढ़ेंगे। लिहाजा अलग से योजना में पैसा लगाने की जरूरत नहीं है।