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पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा (West Bengal Assembly Elections 2021) के चुनाव होने हैं, लेकिन राजनीतिक हलचलें अभी से तेज हो गई हैं. राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) में हलचल मची है. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से नाराजगी जाहिर कर एक के बाद एक विधायक इस्तीफे दे रहे हैं. सुवेंदु अधिकारी, जितेंद्र तिवारी के बाद अब बैरकपुर सीट से टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्त (shilbhadra dutta)ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, टीएमसी नेता कबिरुल इस्लाम ने भी पार्टी के अल्पसंख्यक सेल से इस्तीफा दे दिया है. इस बीच आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर जाने वाले हैं.

प्रशांत किशोर पर लगातार खड़े कर रहे थे सवाल

शीलभद्र दत्त राजनीतिक रणनीतिकार कहे जाने वाले प्रशांत किशोर (PK) से नाराज थे. वो लगातार उनपर सवाल खड़े कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि मैं 10 साल की उम्र से राजनीति कर रहा हूं और अब एक मार्केटिंग कंपनी बताएगी कि हम कैसे चुनाव लड़ेंगे. ऐसे वातावरण में राजनीति नहीं की जा सकती और न ही पार्टी को आगे बढ़ाया जा सकता है. माना जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं. दत्त पिछले दो दिन में पार्टी से इस्तीफा देने वाले तीसरे नेता हैं.

ममता ​बनर्जी को उस समय बड़ा झटका लगा था, ज​ब सुवेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को टीएमसी विधायक के पद से इस्तीफा दिया था. अधिकारी विधानसभा में अपना इस्तीफा सौंपने के लिए पहुंचे थे लेकिन स्पीकर की गैरमौजूदगी में उन्होंने सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

सुवेंदु अधिकारी के इस्तीफे की खबर से टीएमसी अभी उबर भी नहीं पाई थी कि पार्टी के विधायक और आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन जितेंद्र तिवारी के इस्तीफे ने टीएमसी को और कमजोर कर दिया. टीएमसी से इस्तीफा देने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि जितेंद्र तिवारी 19 दिसंबर को बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.

इसी बीच अब खबर आई है कि ममता सरकार से पिछले कई दिनों से नाराज चल रहे टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्त ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया है. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि सुवेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ने के बाद कई और विधायक भी टीएमसी का साथ छोड़ सकते हैं.