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कल शाम से ही गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर को घेरे भारी संख्या में पुलिस बल के दबाव के आगे जब किसान पंचायत नहीं झुकी और देर रात राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया कि वे धरने से नहीं हटेंगे तो रात 2:00 बजे पुलिस बल वापस हो गए और इस बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में किसानों के जत्थे फिर गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने लगे हैं और ऐसा लग रहा है कि जो आंदोलन कल रात में उखड़ जाने की स्थिति थी वह एक बार फिर से जोर पकड़ रहा है।

इस बीच आज किसानों की महापंचायत के बाद स्थिति में बड़े बदलाव की संभावना व्यक्त की जा रही है। पुलिस के इस दबाव के बाद और कुछ किसान संगठनों के आंदोलन खत्म कर अपने अपने घरों को वापस लौट जाने के बाद राष्ट्रीय लोक दल सहित तमाम छोटे-बड़े राजनीतिक दल भी किसानों के समर्थन में मैदान में उतर चुके हैं।

शह और मात का यह खेल रोमांच के किस मोड़ पर पहुंचेगा यह एक रोमांचक घटनाक्रम को दर्शाने वाला होगा। राकेश टिकैत का स्पष्ट कहना है कि वह गिरफ्तारी के लिए तैयार थे। धरना सुबेरे हट जाता लेकिन जिस प्रकार एक भाजपा विधायक ने अपने समर्थकों की भारी भीड़ के साथ आकर उत्तेजना आत्मक कार्रवाई की और किसानों को धमकाना चाहा उससे माहौल बिगड़ा।

मुजफ्फरनगर में नरेश टिकैत ने बीती रात बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा कि शासन प्रशासन के साथ सहयोग करने के रवैया को किसानों की कमजोरी न समझा जाए। किसानों के मान सम्मान को ललकारा गया है, किसान आखिरी दम तक संघर्ष करेगा।

कहीं प्रशासन की शासन की सरकार की अचानक बढ़ाई गई सख्ती और शक्ति प्रदर्शन का दांव उल्टा तो नहीं पड़ गया? क्योंकि जिस प्रकार सारी रात हजारों की संख्या में हरियाणा पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान और ट्रैक्टर फिर से गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच चुकी है वह किसानों के अब बिगड़े हुए तेवर का ही नजारा है।

वहीं मुजफ्फरनगर में नरेश टिकैत के आव्हान पर भाकियू की आज महापंचायत जारी है। भाकियू-लोकदल की संयुक्त महापंचायत जारी है। मुजफ्फरनगर में महापंचायत पर पुलिस अलर्ट है, किसानों की राजधानी सिसौली में बाजार हुई बंद.

रालोद नेता अजित सिंह के बाद अब सपा नेता अखिलेश यादव ने भी किया राकेश टिकैत को फोन. उन्होंने राकेश टिकैत की सेहत के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि समाजवादी कार्यकर्ता किसानों के हक के लिए लड़ रहे।