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Bird Flu बीमारी का खतरा हर साल की तरह 2021 में भी फिर एक बार मंडराने लगा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यह बीमारी प्रति वर्ष ठंड के सीजन में कुछ दिनों के लिए अवश्य फैलती है। हिमाचल में ढेरों पक्षी इस बीमारी की गिरफ्त में पहले ही आ चुके हैं. वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में कौवे और केरल में बत्तख इस खतरनाक बीमारी का शिकार होने से मर चुके हैं.

बता दें कि पिछले कुछ ही दिनों में हरियाणा में इस जानलेवा बीमारी Bird Flu से करीब एक लाख पक्षियों की मौत हो चुकी है. वहीं हिमाचल प्रदेश की पोंग डैम झील के आसपास पलायन करने वाले तकरीबन 2000 से अधिक पक्षी मृत पाए गए हैं. राजस्थान के बहुत से जिलों में भी करीब 350 कौवों की मौत की पुष्टि की गई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमारी जीवित या मरे हुए इन्फेक्टेड पक्षियों के संपर्क में आने से हो सकती है. लेकिन राहत की बात यह है कि यह वायरस इंसान से इंसान में आसानी से नहीं फैल पाता है. यहां तक कि इस बात के भी अभी तक कोई सबूत नहीं मिले हैं कि पके हुए मांस से किसी इंसान को बर्ड फ्लू हो सकता है. राहत की बात है कि ये वायरस ताप के प्रति बहुत संवेदनशील है और boil करते समय कुकिंग टेंपरेचर में पूरी तरह खत्म हो जाता है.

WHO के अनुसार इस बार का बर्डफ़्लू H5n1 नहीं बल्कि H5n8 वायरस है। जो कि लीथल यानी जानलेवा नहीं है तथा मनुष्यों को इससे ख़तरा बहुत कम है। घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। इससे सावधानी उन लोगों के लिए ज्यादा आवश्यक हैं जो poultry farming के कारोबार से सीधे जुड़े हैं और Poultry Birds या पक्षियों के सीधे सम्पर्क में रहते हैं।

गौरतलब है कि Bird Flu एक बहुत ही खतरनाक किस्म की बीमारी है जो Influenza Type-A वायरस की वजह से फैलती है. इसे एवियन इंफ्लूएंजा भी कहा जाता है. Bird Flu पक्षियों से मनुष्य या दूसरे जानवरों में भी फैल सकता है. आम तौर पर पोल्ट्री फार्म में पाली जाने वाली मुर्गियों से ही यह फैलना शुरू होती है. Corona की तरह ही इसके भी बहुत से अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं.

देखा जाय तो बर्ड फ्लू के कई प्रकार होते हैं, लेकिन H5N1 ऐसा पहला इंफ्लूएंजा है, जिसने पहली बार किसी इंसान को इन्फेक्ट किया था. इस तरह का पहला मामला वर्ष 1997 में हॉन्गकॉन्ग में प्रकाश में आया था. H5N1 वायरस आमतौर पर पानी में रहने वाले पक्षियों में ही होता है. लेकिन इसका इन्फेक्शन पोल्ट्री फार्म में पलने वाले पोल्ट्री बर्ड्स में भी आसानी से फैल सकता है.

डोमेस्टिक पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के इन्फेक्टेड होने के बाद इंसानों में इसके फैलने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. Bird Flu का वायरस पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से इंसानों में फैलता है. आमतौर पर पक्षियों के पूरी तरह से पके हुए मांस या अंडे को खाने से ये बीमारी इंसानों के बीच नहीं फैलती है.

Bird Flu के लक्षण आमतौर पर होने वाले फ्लू (सर्दी-जुकाम) के लक्षणों से बहुत मिलते-जुलते हैं. H5N1 वायरस इंफेक्शन की चपेट में आने पर खांसी, डायरिया, रेस्पिरेटरी में परेशानी, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी, नाक बहना या गले में खराश जैसे लक्षण हो सकते है.

H5N1 से इन्फेक्टेड पक्षी करीब 10 दिनों तक अपने मल या लार के जरिए वायरस को रिलीज करता है. इसलिए आप किसी इन्फेक्टेड सरफेस द्वारा भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं. अतः इस वायरस से बचने के लिए Poultry Farm में काम करने वाले लोगों से दूरी बनाकर रहना चाहिए. साथ ही वायरस प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए और संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

बता दें कि अधपका या कच्चा मांस और अंडा के सेवन से भी आप इस बर्ड फ्लू वायरस के शिकार हो सकते हैं. ऐसी सलाह दी जाती है कि संक्रमित मरीजों की जांच या देखभाल में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के पास जाने से भी बचें. यदि आपके घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है तो उससे भी एक निश्चित दूरी बनाकर रखनी चाहिए. खुले हवादार सार्वजनिक स्थानों में भी जाने से परहेज करें और साफ सफाई, हाइजीन और Handwash जैसी बातों का विशेष ध्यान रखें.

WHO के अनुसार आजकल zoonotic diseases ज्यादा फैल रही है। करोना भी चमगादडों से इंसानों में आया। WHO का ये भी कहना कि करोना से बचने के लिए लोग जो मास्क लगाकर और सामाजिक दूरी बनाकर सावधानियां बरत रहे हैं यही Precautions उन्हें Bird flu के खतरे से भी बचाएगा।