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भारत में कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे देशवासियों को नए साल के शुरू होते ही पहली कोरोना वैक्सीन का गिफ्ट मिल गया है। शुक्रवार को एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में भारत ने सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा देश में निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को परमिशन दे दी है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन में पार्टनर है और भारत में इसे कोविशिल्ड के नाम से बेचा जाएगा। बता दें कि वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल की रेस में सीरम इंस्टिट्यूट, भारत बायोटेक और फाइजर कंपनियाँ शामिल थी। सिरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्रेजनेका ने मिलकर बनाया है।

भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन भी है मगर देर रात तक चली मीटिंग के बाद कोवैक्सीन को परमिशन नहीं मिली। वहीं अमेरिकी कंपनी फाइजर ने अपना डाटा पेश करने के लिए अभी और समय मांगा है जिसे डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिल चुकी है।

कोवीशील्ड वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया है कि ऑक्सफोर्ड एस्ट्रोजनेका वैक्सीन के लगभग 5 करोड डोज पहले ही तैयार हो चुके हैं अब 2021 में मार्च तक 10 करोड़ और जून तक 30 करोड़ डोज तैयार करने की योजना है।

सरकार इसी मंथ से वैक्सीनेशन शुरू करने की योजना बना रही है। इसके लिए आज से पूरे देश में वैक्सीन का ड्राई रन किया जाएगा। गौरतलब है कि भारत अमेरिका के बाद कोरोना से प्रभावित दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। अगले 6 से 8 महीनों में 30 करोड लोगों को वैक्सीन लगाए जाने की योजना तैयार की गई है।

बता दें कि वैक्सीनेशन के दौरान तो हेल्पलाइन नंबर रहेंगे जिसमें किसी भी समस्या को लेकर हेल्प ली जा सकती है। वैक्सीनेशन के लिए बने एंपावर्ड ग्रुप में अभी तक फर्स्ट फेज में वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य सेवा से जुड़े करीब एक करोड़ लोगों को टीकाकरण की सिफारिश की है। इसके पश्चात प्राथमिकता के आधार पर 27 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीनेशन की सिफारिश की गई है।