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देश में कोरोना काल के बीच मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोत्तरी का इंतजाम कर रही है। सरकार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-औद्योगिक श्रमिक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार वर्ष को बदल सकती है। सरकार नया सीपीआई-आईडब्ल्यू जारी करने जा रही है और इसका आधार वर्ष 2016 होगा। श्रम मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी साझा की है।

अगर ऐसा होता है तो सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोत्तीर संभव है। इसका फायदा 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को होगा। कर्मचारियों के वेतन में सीधी बढ़ोत्तरी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सीपीआई-आईडब्ल्यू पर ही आधारित होता है।

इसे आधार वर्ष में बदलाव होने से डीए पर सीधा असर होता है। शीर्ष अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार नया सीपीआई-आईडब्ल्यू सूचकांक 21 अक्टूबर को जारी कर सकते हैं। महंगाई भत्ते यानी डीए की कैलकुलेशन के लिए सरकार इसी का सहारा लेती है।

हालांकि डीए में बढ़ोत्तरी फिलहाल जून 2021 तक कोरोना संकट के चलते टल चुकी है और फिलहाल कर्मचारियों को 17 फीसदी की दर से ही डीए दिया जा रहा है। इसका मतलब सरकारी कर्मचारियों के वेतन बढ़ने में कुछ समय लग सकता है। सीपीआई-आईडब्ल्यू के आधार वर्ष को बदलने से निजी क्षेत्र के कामगारों के न्यूनतम वेतन में भी बढ़ोत्तरी होगी।

DA पर इस साल अबतक ये दो फैसले:

सरकार ने इस साल मार्च में कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद डीए 17 फीसदी से बढ़कर 21 फीसदी हो गया था। मार्च में बढ़ोत्तरी का तोहफा मिला तो अप्रैल में कोरोना संक्रमण के चलते तय किया गया कि कर्मचारियों का जनवरी 2020 से जून 2021 तक महंगाई भत्ता नहीं बढ़ेगा।