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नई दिल्ली | 26 जनवरी के दिन किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली अपने पथ से भटक गई । इस परेड की शुरुआत सुबह 8:30 बजे जबरदस्ती दिल्ली में दाखिल होने से हुई ।

दिनभर की हिंसा और भयंकर उत्पात के बाद आखिरकार किसान संगठनों ने शाम को इसे बंद करने की घोषणा कि।

11 घंटे की इस हिंसा और भयंकर उत्पात वाली ट्रैक्टर रैली के दौरान उपद्रवी किसानों ने पुलिस वाहन, सरकारी संपत्ति,और सरकारी बसों को बहुत नुकसान पहुंचाया, पुलिस बैरिकेड्स तोड़े।

जब दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका तो उन्होंने पत्थरबाजी भी की , कुछ प्रदर्शनकारियों ने तो पुलिस पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश भी की ।

निहंगों के जत्थे ने उग्र प्रदर्शन के दौरान तलवारें लहराईं । आज की इस घटना ने 2 महीने से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे आंदोलन को आखिरकार अराजकता का रंग दे दिया।

दिल्ली में जो आज किसानों कीप्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई, इसके पीछे सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ का हाथ बताया जा रहा है ।

कांग्रेसी सांसद प्रवीण सिंह बिट्टू,जो कि पंजाब के लुधियाना से सांसद हैं ने, इस संगठन पर सवाल उठा दिया उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी दिल्ली की सड़को पर हुआ, उसके पीछे सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ संगठन का ही हाथ है ।

जिन लोगों ने भी इस घटना को अंजाम दिया है, उनमें से कोई भी किसान नहीं हो सकता, उन्होंने कहा कि घटना की जांच नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कराई जाए सारी बातें सामने आ जाएगी ।

इससे पहले भी कई तरह के आरोप लगते रहे हैं कि किसान आंदोलन जो हो रहा है। उसमें केवल किसान ही नहीं है बल्कि किसान आंदोलन के बहाने, खालिस्तान मूवमेंट से जुड़े हुए कई संगठन अलगाववाद को बढ़ावा देने मे लगे हैं ।

कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जुड़ी हुई एक विडियो पोस्ट वायरल हुई थी, जिसमें अपील की गई थी कि 26 जनवरी को इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को ढाई लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 1.82 करोड़ रुपए) इनाम भी दिया जाएगा ।