उत्‍तराखंड : एक दर्जन विभाग देंगे प्रस्तुतीकरण, साढ़े चार घंटे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन रहेंगी सृष्टि गोस्वामी
उत्‍तराखंड : एक दर्जन विभाग देंगे प्रस्तुतीकरण, साढ़े चार घंटे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन रहेंगी सृष्टि गोस्वामी
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रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर, Haridwar की Srishti Goswami (सृष्टि गोस्वामी) एक दिन के लिए Chief Minister पद संभालेंगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। Srishti (सृष्टि) Dehradun में विधानसभा भवन में लगभग एक दर्जन विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। इस दौरान प्रत्येक विभाग द्वारा पांच मिनट की प्रस्तुति दी जाएगी। सृष्टि दोपहर 12 से शाम 4:30 बजे तक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहेंगे।

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सरकार को एक पत्र भेजकर राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सृष्टि गोस्वामी को एक दिन के लिए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपने की सिफारिश की थी। आयोग की चेयरपर्सन उषा नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि सृष्टि दोपहर 12 बजे देहरादून में विधानसभा भवन के कमरा नंबर 120 में पहुंचेगी। यहां वह लगभग एक दर्जन विभागों के अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करेंगी । इन योजनाओं में अटल आयुष्मान योजना, स्मार्ट सिटी परियोजना और पर्यटन विभाग की होमस्टे योजना शामिल हैं।

यह मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल रहेगा

  • सृष्टि गोस्वामी 12 से 3 बजे तक विधानसभा भवन में समीक्षा बैठक करेंगी।
  • दोपहर तीन बजे के बाद बालिका निकेतन का निरीक्षण करेगी। यहां बालिकाओं के साथ लंच होगा। शाम 4:30 बजे हरिद्वार के लिए रवाना होंगे।

इन विभागों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे

मुख्य अभियंता-लोक निर्माण विभाग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी-पर्यटन विकास परिषद, निदेशक उरेडा ऊर्जा पार्क, मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग, निदेशक महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, सचिव राजधानी सामान्य प्रशासन निदेशक ग्रामीण विकास विभाग, जिला मजिस्ट्रेट देहरादून, महानिदेशक उद्योग निदेशालय, पुलिस महानिदेशक।

बोले मुख्यमंत्री जी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह सरकार का प्रयास है कि बालिकाएं अपने पैरों पर खड़ी हों। आज बेटियां कई तरह के रिकॉर्ड बना रही हैं। सेना में, वह सबसे कठिन से कठिन परिस्थितियों को मात दे रही हैं। बेटियों ने साबित कर दिया है कि वे किसी भी चुनौती को स्वीकार कर सकती हैं। हम चाहते हैं कि समाज और परिवार में उनकी समान भागीदारी हो।