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गोरखपुर। आज बैंक लोन घोटाले में सीबीआई ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कम्पनी पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे और बसपा विधायक विनय तिवारी की है।

सीबीआई ने यूपी के कई जिलों में छापा मारा। लखनऊ, गोरखपुर, नोएडा में सीबीआई के छापे, गोरखपुर के ठिकानों पर भी छापा। नोएडा लखनऊ गोरखपुर के ठिकानों पर छापा। 1500 करोड़ के बैंक लोन घोटाले से जुड़ा है मामला। बैंक का लोन हड़प कर दूसरी जगह निवेश करने का है आरोप।

सीबीआई ने सोमवार को 1500 करोड़ के बैंक लोन घोटाले के मामले में लखनऊ, गोरखपुर, नोएडा में गंगोत्री इंटरप्राइजेज के ठिकानों पर छापेमारी की है। कंपनी के ऑफिस पहुंची सीबीआई टीम ने घंटों दस्तावेज खंगाले। मौके पर मिले लोगों से पूछताछ की।

जानकारी मुताबिक कंपनी ने बैंक लोन लिया था। इसके बाद गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने लोन की रकम को समय से वापस नहीं किया। इस पर बैंक ने शिकायत की। बैंक ने आरोप लगाया कि बैंक लोन हड़प कर दूसरी जगह निवेश किया गया। इस पर सीबीआई ने आज कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की।

उत्तर प्रदेश सरकार को कुछ लोग ब्राह्मण विरोधी बताते हैं। वृद्ध माफिया हरिशंकर तिवारी की ब्राह्मणों में प्रभावी पैठ है। वह ठाकुर बनाम ब्राह्मण की राजनैतिक प्रतिद्वंदता में ब्राह्मणों के सबसे मजबूत धुरी हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा वह ब्राह्मणों की पंचायत करते हैं। जरायम से राजनीति ने घुसने वाले तिवारी राजनीति के साथ ही कारोबारी भी हो गये।

जानकारों का मानना है कि न चाहते हुये भी यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जोड़ के ठाकुर बनाम ब्राह्मण से जोड़ा जा सकता है। जिसके पूर्वांचल में घर-घर चर्चे होते रहे हैं। यदि समझदारी से मामला न निपटा तो इस छापेमारी से राजनैतिक रूप से सिकुड़ चुके हरिशंकर तिवारी को एक और दांव चलने का मौका मिल जायेगा।

बता दें कि इसके पहले 2017 में लूूट के एक आरोपी की तलाश में पुलिस ने गोरखपुर स्थित हरिशंकर तिवारी के आवास उप नाम “हाता” में छापा मारा था। जिसे विधायक विनय शंकर तिवारी ने सरकार की साजिश बताया था। तब विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के विधायक बेटे विनय शंकर तिवारी और यूपी सरकार के एक मंत्री के बीच बहुत गरमागरम बहस हुई थी।